Wednesday, 24 July 2013

चाँद सितारे फूल और जुगनू








किस्मत ने जो ज़ख़्म दिए हैं उनसे रूप सजाया है 
दुनिया से जो कुछ भी पाया  दुनिया को लौटाया है 


इस आँचल को कहाँ मयस्सर चाँद सितारे फूल और जुगनू
मिट्टी से ही ख्वाब गढ़ें हैं, और दिल को बहलाया है,

1 comment:

  1. "इस आँचल को कहाँ मयस्सर चाँद सितारे फूल और जुगनू
    मिट्टी से ही ख्वाब गढ़ें हैं, और दिल को बहलाया है"

    बिना बहलाए ज़िंदगी जी भी तो नहीं जा सकती।

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