चाँद सितारे फूल और जुगनू
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Saturday 17 August 2013
ख्वाब के बाद
दिल की बंजर ज़मीन पर
फिर से उग रही है
ख़्वाबों की गाजरघास
यूं ही लहलहाएगी
एक पूरा मौसम
और फिर तैयार होगा
अगली ठण्ड के
अलाव का सामान
ख़्वाबों का
इससे बेहतर इस्तेमाल
और क्या होगा
- सहबा जाफ़री
1 comment:
zindgi
17 August 2013 at 06:06
ख्वाब देखने की उम्र में ख्वाब जलाने की क्यों ??
सलामत रहे आपकी आँखे ,और उनमे सजाते ख्वाब
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ख्वाब देखने की उम्र में ख्वाब जलाने की क्यों ??
ReplyDeleteसलामत रहे आपकी आँखे ,और उनमे सजाते ख्वाब